बेतिया: यूं तो बेतिया राज प्रशासन की ओर से हजारी पशु मेला से अतिक्रमण हटाने के लिए पहले से ही तिथि निर्धारित कर दी गयी थी. अतिक्रम...
बेतिया: यूं तो बेतिया राज प्रशासन की ओर से हजारी पशु मेला से अतिक्रमण हटाने के लिए पहले से ही तिथि निर्धारित कर दी गयी थी.
अतिक्रमण हटाने के दौरान किसी तरह की चूक या विरोध को दबाने के लिए प्रशासन की ओर से बुधवार की सुबह से ही तैयारी पूरी कर ली गयी थी.
हजारी पशु मेला व आइटीआइ आने वाले मुख्य सड़क को सुबह से ही बंद कर दिया गया था. इस सड़क से जाने वाली छोटी-बड़ी गाड़ियों का रूट भी बदल दिया गया था. हजारी पशु मेला के चारों तरफ पूरी मोर्चाबंदी रही. चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती रही. सदर ब्लॉक रोड,आइटीआइ व पुलिस लाइन तक बैरियर लगा दिया गया था व आवागमन ठप कर दिया था.
जिससे किसी तरह से अतिक्रमणकारियों के विरोध का सामना नहीं करना पड़े. इसके अलावे बज्र वाहन,अग्निशमन की गाड़ियों के अलावे भारी संख्या में पुलिस पदाधिकारी व पुलिस जवानों की तैनाती रही. हजारी पशु मेला से अतिक्रमण हटाने का नेतृत्व प्रशिक्षु आइएएस लोकेश कुमार मिश्र कर रहे थे. हालांकि अतिक्रमण हटाने की योजना प्रशासन की सुबह से ही थी. लेकिन अतिक्रमणकारियों के विरोध के कारण करीब दो बजे से अतिक्रमण हटाने का कार्य शुरू किया गया. जिसके कारण मात्र दर्जन भर कच्चे व पक्के मकानों पर बुलडोजर चलाने के बाद रोक दिया गया.
बेतिया राज प्रबंधक मृत्युंजय कुमार का कहना है कि अतिक्रमण लगातार हटाया जायेगा. जब तक चिन्हित एक हजार सत्तर घरों को हजारी पशु मेला ग्राउंड से नहीं हटाया जा सकता.
चलिये-चलिये कोई नहीं हुआ है नया लीज : हुआ यूं कि हजारी पशु मेला ग्राउंड पुलिस लाइन के पूरब बने ठेकेदार विनोद गिरी के घर पर पहला बुलडोजर चला. घर पर बुलडोजर चलता देख ठेकेदार कागजात लेकर राज प्रबंधक सहित प्रशासनिक व पुलिस पदाधिकारियों के पास पहुंचे. लेकिन राज प्रबंधक मृत्युंजय कुमार ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि चलिये-चलिये कोई कागज अब नहीं चलेगा. अभी बेतिया राज प्रशासन की ओर से कोई नया लीज नहीं किया है. हम कुछ नहीं सुनेंगे. बुलडोजर तो चलेगा ही.राज प्रबंधक की बात सूनकर ठेकेदार के घर की महिला व बच्चे भी विरोध करते रहे. भारी गहमागमी के बाद भी वे घर पर बुलडोजर चलने से नहीं रोक सके.
हजारी में मची चीख पुकार, महिलाएं होती रहीं बेहोश : वर्षों से बेतिया राज के हजारी पशु मेला ग्राउंड पर अतिक्रमण घर बना कर रह रहे लोगों के आसियाने पर जब प्रशासन का बुलडोजर चला,तो चारों तरफ चीख-पुकार मच गया. इस दौरान कई महिलाएं बेहोश हो गयी,तो कई रोती-बिलखती रही. उनके मासूम बच्चे इस कार्रवाई से अंजाम अपनी परिजनों के साथ रोते रहे व चुप कराते रहे.
अतिक्रमण हटा रहे प्रशासनिक व पुलिस पदाधिकारियों की आरजू-मिन्नत करती रहीं. लेकिन उनके रोने-चित्कार का प्रशासन पर कोई असर नहीं पड़ा. प्रशासन का लगतार बुलडोजर चलता रहा. देखते-ही-देखते उनके आंखों के सामने उनका आशियाना उजड़ गया.
अतिक्रमणकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने तक सिमट जाती थी कार्रवाई
बेतिया राज के खाली जमीन पर लगातार अतिक्रमण होता रह रहा है. अतिक्रमणकारी जमीन पर अतिक्रमण कर कच्चा व पक्का निर्माण भी करा लेते हैं. जब बेतिया राज प्रशासन को जमीन पर अतिक्रमण की सूचना अपने सिपाही या कर्मियों से मिलती है,तो वह अतिक्रमणकारियों के खिलाफ जिले के विभिन्न थानों में प्राथमिकी दर्ज करा देता है. लेकिन प्राथमिकी के बाद आगे उसकी कार्रवाई सिमट कर रह जाती है. राज प्रशासन पुलिस केस होने की बात कर आगे की कार्रवाई से अपना जिम्मा छुड़ा लेता है.
ऐसी प्रस्थिति में बेतिया राज या पुलिस प्रशासन की ओर से कार्रवाई नहीं होने के कारण अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद रहते हैं. वे बिना किसी तरह की डर की परवाह किये बगैर लगातार बेतिया राज के खाली पड़े जमीन पर अपना कब्जा जमाने में लगे रहते हैं. आलम यह है कि बेतिया राज का कोई ऐसा खाली जमीन नहीं है,जिस पर अवैध रूप से अतिक्रमण नहीं किया गया हो.
अतिक्रमण हटाने के विरोध में सड़क पर उतरे लोग
हजारी पशु मेला बेतिया राज के जमीन पर घर बनाये लोगों का अतिक्रमण हटाने को लेकर बुधवार की सुबह गुस्सा भड़क गया. गुस्साये लोगों ने डीएम आवास का घेराव किया व बेतिया-अरेराज मुख्य सड़क को करीब डेढ़ घंटे तक जाम रखा. जाम के कारण दोनों तरफ छोटे-बड़े वाहनों की लंबी कतार लगी थी़ डीएम आवास व सड़क जाम की सूचना मिलते ही एसडीएम सुनील कुमार, एसडीपीओ संजय कुमार झा घटना स्थल पर पहुंचे. आक्रोशित लोगों को समझा-बुझाकर सड़क जाम खत्म कराया.
जिसके बाद बेतिया-अरेराज मुख्य पथ पर यातायात बहाल हो सका. बेतिया राज की ओर से हजारी पशु मेला ग्राउंड पर अतिक्रमण कर घर बनाये लोग अहले सुबह डीएम आवास पहुंचे. जिसमें महिलाओं की संख्या काफी ज्यादा थी. अतिक्रमणकारी डीएम से अतिक्रमण नहीं हटाने की मांग कर बेतिया-अरेराज मुख्य पथ को जाम कर दिये व सड़क पर बैठ गये. गुस्साये लोगों का कहना था कि प्रशासन उनको इस ठंड के मौसम में साजिश के तहत बेघर करना चाह रहा है.
इसी को लेकर अतिक्रमण हटाने की बात कह रहा है. वे डीएम अतिक्रमण नहीं हटाने की बात कहे रहे थे. सड़क जाम की सूचना मिलते ही एसडीएम सुनील कुमार, एसडीपीओ संजय कुमार झा, नगर थानाध्यक्ष नित्यानंद चौहान, मुफस्सिल थानाध्यक्ष रमेशचन्द्र उपाध्याय भारी संख्या में पुलिस जवान पहुंचे. आक्रोशित लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया. सड़क जाम को खत्म कराया गया.
बेतियाराज की जमीन से अतिक्रमण हटाने के दौरान पथराव, लाठीचार्ज
बेतियाराज के हजारी पशु मेला ग्राउंड से अतिक्रमण हटाने के दौरान बुधवार को अतिक्रमणकारियों ने जम कर पथराव किया. इससे आधा दर्जन लोग जख्मी हो गये.
पुलिस ने पथराव कर रहे लोगों पर लाठियां भांजी व उन्हें दूर खदेड़ दिया. इसके कारण कुछ देर के लिए अफरा-तफरी मच गयी. हालांकि, प्रशासन की तैयारी के आगे लोगों का विरोध काम नहीं आया. भारी संख्या में महिला व पुरुष जवानों के अलावा दंडाधिकारी व पुलिस पदाधिकारी भी मुस्तैद रहे. देखते ही देखते हजारी पशु मेला ग्राउंड में बने दर्जनों कच्चे-पक्के मकानों पर बुलडोजर चल गया. कई मकान जमींदोज हो गये.
प्रशासन का ये कार्य सही था अतिक्रमणियों के खिलाफ पर फिर भी कुछ सवाल जेहन में रह गए , इनमे से ज्यादातर लोग गाँव के तरफ के हैं बाढ़ के वक़्त जिनका घर डूब गया, वहीं लोग बेतिया में आये और यहां पर जमीन खरीदी घर बनवाई और अब प्रशासन ये बता के घर तोड़ रही हैं के ये बेतिया राज की जमीन हैं।
हम इसका समर्थन करते हैं पर तब तक जब तक अवैद्य तरीके से लोगहम इसका समर्थन करते हैं पर तब तक जब तक अवैद्य तरीके से लोग अतिक्रमण कर के घर बनवाये होते। पर ज्यादातर लोगो ने जमीन खरीद कर के घर बनवाया हैं, और आईटीआई के पास जहां ये सारे लोग बस रहे थे वहीं पर ही एसपी साहब का भी निवास हैं, आर्मी के लोग भी रहते हैं तो उन्होंने तब क्यूँ नहीं हटाया जब ये लोग घर बनवा रहे थे।
हज़ार से ज्यादा लोगो का घर 1 ही दिन में ख़त्म हो गया, वो लोग अब कहाँ जाये?
और ऐसे बेतिया राज का जमीन किस काम का अगर वो जरूरतमन्द लोगो के काम ही ना आये तो,
और जब बिचकौलिये राज की ही जमीन बेच रहे थे तब प्रशासन कहाँ थी? हज़ार से ज्यादा लोगो का घर 1 ही दिन में ख़त्म हो गया, वो लोग अब कहाँ जाये?और ऐसे बेतिया राज का जमीन किस काम का अगर वो जरूरतमन्द लोगो के काम ही ना आये तो,और जब बिचकौलिये राज की ही जमीन बेच रहे थे तब प्रशासन कहाँ थी? इस ठण्ड के मौसम में पीड़ितों के बच्चे बूढ़े औरते क्या अब रोड पर रहेंगी? इनके लिए प्रशासन ने क्या सोचा हैं? पुलिस प्रशासन को उनके तत्काल रहने की व्यवस्था करानी चाहिए साथ ही उनके खाने पीने की भी समानो का व्यवस्था प्रशासन की ही जिम्मेदारी बनती हैं
सबसे पहले पुलिस लाइन के पूरब मेला ग्राउंड में अतिक्रमण कर बनाये गये ठेकेदार विनोद गिरी के घर पर बुलडोजर चला. इस दौरान करीब एक दर्जन कच्चे व पक्के मकानों पर भी जेसीबी चली. अतिक्रमण हटाने के दौरान चारों ओर चीख-पुकार मची रही. महिलाओं से लेकर बच्चे तक अतिक्रमण हटाने का विरोध करते रहे. लेकिन, प्रशासन की तैयारी के आगे उनकी एक नहीं चली. वर्षों से बसा-बसाया आशियाना उनके आंखों के सामने ही ध्वस्त हो गया. हालांकि, लोगों के विरोध के कारण प्रशासन निर्धारित समय पर अतिक्रमण नहीं हटा सका. कार्रवाई करीब दो बजे दिन से शुरू हुई व करीब तीन घंटे तक चलती रही. इस दौरान दर्जन भर घरों को तोड़ दिया गया.
अभियान के समय प्रशिक्षु आइएएस लोकेश कुमार मिश्र, एसडीएम सुनील कुमार, बेतिया राज प्रबंधक मृत्युंजय कुमार, एसडीपीओ संजय कुमार झा, नगर थानाध्यक्ष नित्यानंद चौहान, रमेशचंद्र उपाध्याय सहित अन्य लोग मौजूद रहे.
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