नरकटियागंज: बलथर थाने के माजर पुल के पास चनपटिया के चूड़ा मिल व्यवसायी रामजी प्रसाद के भाई भरत जी प्रसाद की हत्या का खुलासा का पुलिस ने किय...
नरकटियागंज: बलथर थाने के माजर पुल के पास चनपटिया के चूड़ा मिल व्यवसायी रामजी प्रसाद के भाई भरत जी प्रसाद की हत्या का खुलासा का पुलिस ने किया है. पुलिस ने इस घटना में शामिल आधा दर्जन अपराधियों में से तीन को गिरफ्तार कर लिया है. इनके पास से लूट के आठ हजार रुपये भी बरामद कर लिये गये हैं..
इनकी पहचान चनपटिया थाने के वृंदावन गांव निवासी राजेश राम उर्फ छोटु राम, बरवाचाप गांव निवासी तबरेज आलम एवं मझौलिया थाने के विशंभरपुर निवासी अशरफ साई उर्फ अंबुज के रूप में किया गया है. हालांकि पुलिस के अनुसार इस घटना में शामिल बेतिया के द्वार देवी चौक निवासी सचिन कुमार बाइक चोरी के आरोप में मोतिहारी जेल में बंद है. इस घटना के बाद सुगौली पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जबकि इस घटना में शामिल दो अन्य अपराधी अभी भी फरार बताये जा रहे हैं. मामले का खुलासा करते हुए एसडीपीओ अमन कुमार ने बताया कि चार जून को मैनाटांड, सिकटा आदि जगहों से चनपटिया का चुड़ा व्यवसायी अपने मुंशी के साथ बाइक से लहना वसूल कर अपने घर लौट रहा था. रास्ते में माजर पुल के पास दो बाइक पर सवार छह अपराधियों ने व्यवसायी को गोली मार कर उसके पास से साढ़े तीन लाख रुपया लेकर भाग गये. गोली लगने के बाद व्यवसायी की मौत हो गयी थी. मृतक के भाई रामजी प्रसाद के बयान पर अज्ञात अपराधियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस इस मामले के खुलासे में लग गयी थी. एसडीपीओ ने बताया कि पुलिस को पहले शक हुआ कि इस घटना में मुंशी का हाथ है.
लेकिन मामले के खुलासे में उक्त अपराधियों का नाम सामने आया. उन्होंने बताया कि वरीय अधिकारियों के निर्देश पर एक टीम का गठन किया गया. इस में पुलिस निरीक्षक सीताराम साह, बलथर थानाध्यक्ष चंद्रभूषण प्रसाद सिंह, चनपटिया के राजेश कुमार झा, सिकटा के अभिमन्यु कुमार, गोपालपुर के युसूफ अंसारी, मझौलिया के ओमप्रकाश चौहान एवं पुरूषोमतपुर थानाध्यक्ष विपिन कुमार को टीम में शामिल किया गया. गठित टीम नेतृत्व स्वयं एसडीपीओ कर रहे थे.
एसडीपीओ ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर उक्त तीनों की गिरफ्तारी इनके घर से किया गया है. घटना में शामिल आधा दर्जन अपराधियों में छोटु राम तथा सचिन कुमार आदतन अपराधी है. इससे पहले भी उन्होंने अलग अलग जगहों पर लूट की घटना को अंजाम दिया है. तथा अन्य अपराधियों की कुंडली खंगाली जा रही है.
मजबूत पकड़ बनी मौत की वजह
लूट के बाद रकम लेकर भाग रहे लूटेरे को दबोचना व्यवसायी भरत जी प्रसाद की हत्या की वजह बन गई. मामले का खुलासा का दावा कर रही पुलिस की माने तो लूटेरों का व्यवसायी की हत्या का कोई मकसद नहीं था. लेकिन, जब रकम लूटने के बाद अपराधी भागने लगे तो इसी दौरान भरत प्रसाद ने एक लूटेरों को दबोच लिया और शोर मचाने लगे. पहले तो साथ के अपराधियों ने भरत प्रसाद के चंगुल में फंसे लूटेरे को छुड़ाना चाहा,
लेकिन मजबूत पकड़ को देखते हुए भरत प्रसाद के सीने ने रिवाल्वर से गोली उतार दी. इससे उनकी पकड़ ढ़ीली पड़ गई और वह लहुलूहान होकर गिर पड़े. पुलिस की माने तो यह सभी घटना कारोबारी के मुंशी मोहित की मौजूदगी में हुई, लेकिन वह काफी डर गया था और जाकर छिप गया था. हालांकि वारदात के बाद पुलिस को सबसे पहले शक मुंशी पर हुई और उसे हिरासत में लिया गया.
डीएसपी ने बताया कि मुंशी मोहित से काफी पूछताछ की गयी, लेकिन वह हर बार घटना में शामिल होने से इनकार करता रहा. अब मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने तीन अपराधियों को गिरफ्तार किया है. पर, भले ही पुलिस इस हत्याकांड के खुलासे का दावा कर रही है, लेकिन अभी भी तमाम सवाल निरूत्तर है. मसलन इस वारदात का साजिशकर्ता कौन है?
हत्या में किस तमंचे का प्रयोग हुआ और वह हथियार कहा है? पुलिस हत्यारों तक कैसी पहुंची? मास्टर कौन है? इस सभी सवालों को फिलहाल पुलिस ने टरका दिया है. उसका कहना है कि अभी तीन अपराधी उनकी पकड़ से दूर हैं. उनकी गिरफ्तारी के बाद और पहेली सुलझेगी. वहीं पुलिस सूत्रों की माने तो इस लूट व हत्या में शामिल बेतिया द्वारदेवी चौक का सचिन जब बाइक चोरी के मामले में मोतिहारी पुलिस के हत्थे चढ़ा तो पूछताछ में उसने इस लूट के बारे में बताया. इसके बाद पुलिस उसकी निशानदेही पर अन्य को गिरफ्तार करने में सफल हुई.
पकड़ से दूर : पुलिस की माने तो इस घटना का मास्टरमाइंड अभी पकड़ से दूर है. पुलिस फिलहाल गिरफ्त से दूर अपराधियों के नाम का खुलासा करने से कतरा रही है. हालांकि यह बताया जा रहा है कि घटना का मास्टरमाइंड बेतिया का ही रहने वाला है. पुलिस ने दो दिनों में उसकी गिरफ्तारी का दावा किया है.
भरत हत्याकांड हिरासत में लिये गये मुंशी मोहित की वारदात में नहीं मिली संलिप्तता अब भी नहीं सुलझ सके कई सवाल पुलिस का दावा, दो दिनों के अंदर होगी मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी।।
परिजन बोले, पुलिस बताये कौन है साजिशकर्ता
मृत भरत जी प्रसाद के भाई रामजी प्रसाद ने खुलासे पर सवाल उठाया है. उनका कहना है कि करीब चार लाख रूपये लूटे गये थे, पर पुलिस महज आठ हजार रूपये बरामद की है. अभी तक अपराधी पुलिस की पकड़ से दूर हैं. श्री प्रसाद ने कहा है कि पुलिस अभी तक यह नहीं बता सकी है कि इस घटना का रचयिता और साजिशकर्ता कौन है. उन्होंने इस मामले में शामिल अपराधियों को फांसी की सजा दिलाने की मांग की है,..
स्रोत: प्रभात खबर
इनकी पहचान चनपटिया थाने के वृंदावन गांव निवासी राजेश राम उर्फ छोटु राम, बरवाचाप गांव निवासी तबरेज आलम एवं मझौलिया थाने के विशंभरपुर निवासी अशरफ साई उर्फ अंबुज के रूप में किया गया है. हालांकि पुलिस के अनुसार इस घटना में शामिल बेतिया के द्वार देवी चौक निवासी सचिन कुमार बाइक चोरी के आरोप में मोतिहारी जेल में बंद है. इस घटना के बाद सुगौली पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जबकि इस घटना में शामिल दो अन्य अपराधी अभी भी फरार बताये जा रहे हैं. मामले का खुलासा करते हुए एसडीपीओ अमन कुमार ने बताया कि चार जून को मैनाटांड, सिकटा आदि जगहों से चनपटिया का चुड़ा व्यवसायी अपने मुंशी के साथ बाइक से लहना वसूल कर अपने घर लौट रहा था. रास्ते में माजर पुल के पास दो बाइक पर सवार छह अपराधियों ने व्यवसायी को गोली मार कर उसके पास से साढ़े तीन लाख रुपया लेकर भाग गये. गोली लगने के बाद व्यवसायी की मौत हो गयी थी. मृतक के भाई रामजी प्रसाद के बयान पर अज्ञात अपराधियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस इस मामले के खुलासे में लग गयी थी. एसडीपीओ ने बताया कि पुलिस को पहले शक हुआ कि इस घटना में मुंशी का हाथ है.
लेकिन मामले के खुलासे में उक्त अपराधियों का नाम सामने आया. उन्होंने बताया कि वरीय अधिकारियों के निर्देश पर एक टीम का गठन किया गया. इस में पुलिस निरीक्षक सीताराम साह, बलथर थानाध्यक्ष चंद्रभूषण प्रसाद सिंह, चनपटिया के राजेश कुमार झा, सिकटा के अभिमन्यु कुमार, गोपालपुर के युसूफ अंसारी, मझौलिया के ओमप्रकाश चौहान एवं पुरूषोमतपुर थानाध्यक्ष विपिन कुमार को टीम में शामिल किया गया. गठित टीम नेतृत्व स्वयं एसडीपीओ कर रहे थे.
एसडीपीओ ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर उक्त तीनों की गिरफ्तारी इनके घर से किया गया है. घटना में शामिल आधा दर्जन अपराधियों में छोटु राम तथा सचिन कुमार आदतन अपराधी है. इससे पहले भी उन्होंने अलग अलग जगहों पर लूट की घटना को अंजाम दिया है. तथा अन्य अपराधियों की कुंडली खंगाली जा रही है.
मजबूत पकड़ बनी मौत की वजह
लूट के बाद रकम लेकर भाग रहे लूटेरे को दबोचना व्यवसायी भरत जी प्रसाद की हत्या की वजह बन गई. मामले का खुलासा का दावा कर रही पुलिस की माने तो लूटेरों का व्यवसायी की हत्या का कोई मकसद नहीं था. लेकिन, जब रकम लूटने के बाद अपराधी भागने लगे तो इसी दौरान भरत प्रसाद ने एक लूटेरों को दबोच लिया और शोर मचाने लगे. पहले तो साथ के अपराधियों ने भरत प्रसाद के चंगुल में फंसे लूटेरे को छुड़ाना चाहा,
लेकिन मजबूत पकड़ को देखते हुए भरत प्रसाद के सीने ने रिवाल्वर से गोली उतार दी. इससे उनकी पकड़ ढ़ीली पड़ गई और वह लहुलूहान होकर गिर पड़े. पुलिस की माने तो यह सभी घटना कारोबारी के मुंशी मोहित की मौजूदगी में हुई, लेकिन वह काफी डर गया था और जाकर छिप गया था. हालांकि वारदात के बाद पुलिस को सबसे पहले शक मुंशी पर हुई और उसे हिरासत में लिया गया.
डीएसपी ने बताया कि मुंशी मोहित से काफी पूछताछ की गयी, लेकिन वह हर बार घटना में शामिल होने से इनकार करता रहा. अब मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने तीन अपराधियों को गिरफ्तार किया है. पर, भले ही पुलिस इस हत्याकांड के खुलासे का दावा कर रही है, लेकिन अभी भी तमाम सवाल निरूत्तर है. मसलन इस वारदात का साजिशकर्ता कौन है?
हत्या में किस तमंचे का प्रयोग हुआ और वह हथियार कहा है? पुलिस हत्यारों तक कैसी पहुंची? मास्टर कौन है? इस सभी सवालों को फिलहाल पुलिस ने टरका दिया है. उसका कहना है कि अभी तीन अपराधी उनकी पकड़ से दूर हैं. उनकी गिरफ्तारी के बाद और पहेली सुलझेगी. वहीं पुलिस सूत्रों की माने तो इस लूट व हत्या में शामिल बेतिया द्वारदेवी चौक का सचिन जब बाइक चोरी के मामले में मोतिहारी पुलिस के हत्थे चढ़ा तो पूछताछ में उसने इस लूट के बारे में बताया. इसके बाद पुलिस उसकी निशानदेही पर अन्य को गिरफ्तार करने में सफल हुई.
पकड़ से दूर : पुलिस की माने तो इस घटना का मास्टरमाइंड अभी पकड़ से दूर है. पुलिस फिलहाल गिरफ्त से दूर अपराधियों के नाम का खुलासा करने से कतरा रही है. हालांकि यह बताया जा रहा है कि घटना का मास्टरमाइंड बेतिया का ही रहने वाला है. पुलिस ने दो दिनों में उसकी गिरफ्तारी का दावा किया है.
भरत हत्याकांड हिरासत में लिये गये मुंशी मोहित की वारदात में नहीं मिली संलिप्तता अब भी नहीं सुलझ सके कई सवाल पुलिस का दावा, दो दिनों के अंदर होगी मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी।।
परिजन बोले, पुलिस बताये कौन है साजिशकर्ता
मृत भरत जी प्रसाद के भाई रामजी प्रसाद ने खुलासे पर सवाल उठाया है. उनका कहना है कि करीब चार लाख रूपये लूटे गये थे, पर पुलिस महज आठ हजार रूपये बरामद की है. अभी तक अपराधी पुलिस की पकड़ से दूर हैं. श्री प्रसाद ने कहा है कि पुलिस अभी तक यह नहीं बता सकी है कि इस घटना का रचयिता और साजिशकर्ता कौन है. उन्होंने इस मामले में शामिल अपराधियों को फांसी की सजा दिलाने की मांग की है,..
स्रोत: प्रभात खबर
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